राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था में खराबी के लगातार आरोप लग रहे हैं। इससे जनता काफी त्रस्त हो चुकी है। विरोधियों की माने तो सरकारी योजनाओं का भी सफलता स्तर बहुत कम हो रहा है।
भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मामलों में इस सरकार को काफी ज्यादा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कई बड़े मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। कोविड-१९ के समय मेडिकल संसाधनों के आयात से लेकर सरकारी स्कूलों में टिचर भर्ती तक, गहलोत सरकार अपने कार्यकाल के दौरान समय समय पर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरती रही हैं।
इसके अलावा, विरोधी कहते हैं कि सरकारी योजनाओं का सफलता स्तर भी बहुत कम हो रहा है। इससे गरीबों और असहाय लोगों को कई तकलीफें हो रही हैं। कानून व्यवस्था पर भी सरकार पर आरोप लगते रहे हैं।
पिछले महीने अपने सभा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ करारा हमला बोलते हुए कहा था कि राजस्थान में थ्री डी सरकार चल रही हैं। पहला डी यानि दंगे, दूसरा डी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और तीसरा डी अर्थात दलितों पर अत्याचार। उन्होंने आगे कहा कि यह थ्रीडी सरकार राजस्थान की जनता नहीं रहने देगी।
चुनावों से कुछ महिनों पहले गहलोत सरकार आरोपो मे घिरती जा रहीं हैं। जानकारों की मानें तो इससे कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।