अमित शाह के मार्गदर्शन के बाद राजस्थान भाजपा मे जोश की लहर, कांग्रेसी खेमा ठंडा

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गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा होसला बढ़ाए जाने के बाद राजस्थान में भाजपा कार्यकर्ताओं में एक नई जोश का संचार हुआ है। पिछले महीने गृहमंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान में अपने बूथ स्तर के अध्यक्षों व कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित किया। इस सभा के माध्यम से उन्होने न केवल अपने कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया बल्कि साथ ही साथ राजस्थान चुनावों का बिगुल भी बजा दिया।

अपने प्रतिद्वंद्वी व राजस्थान की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस पर तीखे तेवर में हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि “कांग्रेस की गहलोत सरकार में राजस्थान के अंदर हर क्राइम में नए रिकॉर्ड बने हैं। महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले में भारी वृद्धि हुई है। महिलाओं के साथ वीभत्स अत्याचार और दुराचार हो रहा है, साधुओं पर हमले हो रहे हैं लेकिन अशोक गहलोत जी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।”

इसके अलावा प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी अमित शाह ने गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया। इस से स्पष्ट है कि आने वाले चुनावों में कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही भाजपा अपना दावं खेलेगी। रामनवमी के दौरान राजस्थान सरकार द्वारा शोभायात्रा रोकने के विषय में बोलते हुए शाह ने कहा कि “कांग्रेस की गहलोत सरकार जनता के मन से उसी दिन निकल गयी जिस दिन उसने रामनवमी की शोभा यात्रा पर रोक लगा दी थी। गहलोत जी, राजस्थान की जनता ये सहन नहीं करेगी। गहलोत सरकार केवल अपना संवैधानिक समय पूरा कर रही है। कांग्रेस सरकार की विदाई निश्चित है।”

राजस्थान कांग्रेस के भीतरी झगड़ो पर तंज कसते हुए शाह ने कहा “सचिन पायलट जी, आप कितना भी धरना-प्रदर्शन कर लो, आपका नंबर नहीं आएगा। शायद, आपका कंट्रीब्यूशन जमीन पर अशोक गहलोत जी से ज्यादा हो सकता है लेकिन कांग्रेस के खजाने में गहलोत जी का कंट्रीब्यूशन ज्यादा है। गहलोत सरकार आजादी के बाद राजस्थान की सबसे भ्रष्ट सरकार है।”

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अमित शाह के सभा के बाद एक ओर जहां भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखाई पड़ रही है तो वहीं कांग्रेस का खेमा ठंडा पड़ा है। भाजपा राजस्थान में फिर एक बार कमल खिलाने के उद्देश्य से पूरे जोरशोर से लग चुकी हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस अमित शाह जैसे महारथियों का प्रतिकार कर पाती है या नहीं।