जैसे जैसे देश २०२४ के लोकसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, वैसे वैसे देश मे राजनीतिक पारा बढ़ता जा रहा है। परंतु लोकसभा चुनावों से पहले देश के कई महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने बाकी है। इन विधानसभा चुनावों को अनेक रूप में २०२४ लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इनमें से एक चुनाव जिसे राजनीतिक विशेषज्ञ अत्यंत महत्वपूर्ण मान रहे हैं वह है राजस्थान विधानसभा का।
राजस्थान चुनावों के महत्व से राजनीतिक दल भी अनजान नहीं है। और इसी लिए भारतीय जनता पार्टी ने अभी से अनेक अभियानों व कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में अपने संगठन को सशक्त करने का काम शुरू कर दिया है। दल के सभी नेता व कार्यकर्ता राजस्थान विजय का संकल्प लेकर मैदान में उतर गये हैं। इस कार्य में दल का नेतृत्व कर रहे हैं राजस्थान में भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर। कुशल रणनीतिकार व सांगठनिक कार्य मे दक्ष चंद्रशेखर पर दायित्व है राजस्थान में भाजपा की वापसी करवाने की।
दल के संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से जिला, मंडल व शक्तिकेंद्र स्तरों की संरचना का काम भाजपा द्वारा जोर-शोर से किया जा रहा है। पहली बार पार्टी के विभिन्न मोर्चो का भी बूथ स्तर तक सरंचना किया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा अपने संगठन की गहराई बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है और हर मतदाता तक व्यक्तिगत रूप से पहुंचना चाहती हैं।
पार्टी के पदाधिकारी मंडल और बूथ स्तर तक प्रवास व बैवक कर रहे हैं। दल के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से जुड़ना व उन्हे प्रसिक्षित करना ही इसका उद्देश्य है। जनता जनार्दन के बीच भी नियमित रूप से कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं और इनके माध्यम से बिजली-पानी जैसे मूलभूत समस्याओं के लिए आंदोलन खड़े करने का काम निरंतर चल रहा है।
२०१८ मे राजस्थान में कांग्रेस ने सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की। परंतु २०१९ के लोकसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड विजय के बाद से ही प्रदेश की हवा फिर से भगवा खेमे की ओर बहती नजर आ रही है। अपनी कुशल रणनीति, सांगठनिक सरंचना व कार्यकर्ताओं के कठोर परिश्रम के बल पर भाजपा जहां अपनी जमीन मजबूत कर रही है तो वहीं कांग्रेस अपने आंतरिक द्वंद्वों मे पूरी तरह जकड़ी हुईं नजर आ रही हैं। ऐसे में विश्लेषकों की माने तो भाजपा राजस्थान में एक प्रचंड विजय के पथ पर अग्रसर है।