अलवर में अकबर की मौत को राज्य सरकार ने पुलिस हिरासत में हुई मौत मान लिया है। प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि अकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। कटारिया ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।
कटारिया ने कहा कि पुलिस टीम को गायों को गोशाला छोड़ने के बजाय अकबर को अस्पताल ले जाना चाहिए था। कटारिया मंगलवार को अलवर के रामगढ़ स्थित घटना स्थल ललावंडी पहुंचे। यहां उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मुआयना किया।
जांच में सामने आए तथ्यों को लेकर पूछताछ की। कटारिया ने कहा कि पुलिस की उच्च स्तरीय जांच समिति ने अपनी जांच में पुलिस टीम की गंभीर गलतियां पाई हैं। एसीजेएम राजगढ़ इस मामले की न्यायिक जांच करेंगे।
मेडिकल बोर्ड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अकबर की पसलियां टूटी हुई थीं। उसके शरीर में हाथ सहित आठ जगह फ्रेक्चर पाए गए। मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि अकबर की मौत पिटाई से ही हुई है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी एडवाइजरी में भीड़ हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है। साथ ही खुफिया जानकारी जुटाने और सोशल मीडिया सामग्री पर करीब नजर रखने के लिए टास्क फोर्स गठित करने को भी कहा गया है।
जिससे कि बच्चा उठाने वाले या पशु चोर के संदेह में किसी पर भी हमला न हो। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि भीड़ हिंसा के संबंध में इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाले पुलिस अधिकारी या जिला प्रशासन के अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।