
पिछले ही वर्ष हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की यादे लोगों के जेहन में अब तक ताजी है। एक तरफ सपा और कांग्रेस का गठबंधन तो दूसरी तरफ बसपा, ऐसा माना जा रहा था की यह चुनाव भाजपा के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। सपा और कांग्रेस का गठबंधन काफी आत्मविश्वासी नजर आ रहा था। प्रेस मीडिया का भी कहना था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की हवा महसूस नहीं हो रही। और फिर एकाएक चमत्कार हूआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में उतरे। जहां भाजपा की हवा तक न महसूस हो रही थी, वहां ऐसी आंधी उठी कि सारे विरोधी देखते ही देखते ध्वस्त हो गए। भाजपा को ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई उत्तर प्रदेश में। जानकारों का कहना था कि प्रधानमंत्री ने अपने दम पर पूरा मैच जीत लिया। और अब कुछ ऐसा ही फिर एक बार राजस्थान में होता हुआ दिख रहा है।
कुछ दिनों पहले तक भी जानकारों का मानना था कि राजस्थान में कांग्रेस अच्छी चुनौती पेश कर सकती है, पर जब से प्रधानमंत्री मैदान में आए हैं तब से तो ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा। मंगलवार को ही प्रधानमंत्री ने एक और विशाल जनसभा को संबोधित किया। माहौल देखते ही बनता था। चारो ओर सिर्फ भगवा ही भगवा।
जानकारो कि माने तो प्रधानमंत्री ने पूरी तरह से माहौल बदल कर रख दिया है राजस्थान में। अब अगर नतीजो के दिन फिर से भाजपा की आंधी दिखती है तो विस्मयकारी नहीं होगी।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अब तक अपने आपसी लड़ाईओ में ही व्यस्त हैं। राजस्थान में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद से कांग्रेस मे जो गृहयुद्ध छिड़ा है वह रुकने का नाम नहीं ले रहा। सूत्रों की मानें तो गहलोत और पायलट मे जो मुख्यमंत्री बनने की होड़ मची है, इसका खामियाजा पूरी कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि पायलट खेमे का वोट काटने के लिए गहलोत ने ३८ जगह से अपने लोगों को निर्दलीय रुप से खड़ा कर रखा है।
अब इन कयासों में कितनी सत्यता है यह तो नहीं पता पर एक बात साफ है कि प्रधानमंत्री के आने बाद से राजस्थान में माहौल बदलता हुआ दिख रहा है।